Wednesday 8 February 2017

#2229
कानून व्यवस्था बनाए रखने में अजमेर पुलिस फेल। डिप्टी मेयर ने हिम्मत दिखाते हुए मुख्यमंत्री को लिखा पत्र।
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अजमेर में इन दिनों चोरी, डकैती, हत्याएं, चैन स्नेचिंग, लूटपाट, छेड़छाड़ आदि की घटनाएं रोजाना हो रही है। लेकिन इसके बावजूद भी सत्तारूढ़ भाजपा के नेता खामोश है। भाजपा के किसी भी बड़े नेता में इतनी हिम्मत नहीं कि परेशान शहरवासियों के हित मेें पुलिस के खिलाफ बोले। ऐसा प्रतीत होता है कि सत्ता में बैठे नेताओं ने पुलिस के साथ गठजोड़ कर लिया है और अजमेर को पूरी तरह अपराधियों के रहमो करम पर छोड़ दिया है। विपक्षी कांग्रेस तो मृतप्राय नजर आ रही है। ऐसे माहौल में 8 फरवरी को भाजपा के वरिष्ठ नेता और डिप्टी मेयर संपत सांखला ने अजमेर पुलिस के खिलाफ बोलने की हिम्मत दिखाई है। सांखला ने स्वयं को परेशान नागरिकों की भावनाओं से जोड़ते हुए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने में अजमेर के पुलिस अधीक्षक पूरी तरह फेल है। मुख्यमंत्री से मांग की गई कि अजमेर में योग्य एवं ईमानदार पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया जाए। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र की एक प्रति प्रदेश के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया को भी भेजी गई है। यहां यह उल्लेखनीय है कि अजमेर में पुलिस अधीक्षक डॉ नितीनदीप ब्लग्गन की पदोन्नति डीआईजी के पद पर हो चुकी है। डॉ ब्लग्गन स्वयं भी डीआईजी का नया पद चाहते है। डॉ ब्लग्गन को भी पता है कि निकट भविष्य में उनका स्थानान्तरण अजमेर से हो जाएगा। थानाधिकारियों को यह पता है कि जब किसी एसपी का तबादला सुनिश्चित हो जाता है तो वह  ज्यादा प्रभावी भूमिका नहीं निभाता। यहीं वजह है कि अजमेर पुलिस अपने नजरिए से काम कर रही है। पुलिस के नजरिए का ही परिणाम है कि आज अजमेर की कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है।
(एस.पी.मित्तल) (07-02-17)
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