Friday 31 March 2017

#2407
अयोध्या मसले पर जल्द सुनवाई नहीं करेगा सुप्रीम कोर्ट।
जल्दबाजों को योगी के प्रयासों का इंतजार करना चाहिए। 
======================
31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर के मसले पर साफ कर दिया है कि सुनवाई में कोई जल्दबाजी नहीं होगी। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रह्मणयम स्वामी को रोजाना सुनवाई की याचिका पर कोर्ट ने कहा कि स्वामी तो इस मुकदमे में पक्षकार ही नहीं है। यानि जो स्वामी कल तक राम मंदिर के सबसे बड़े स्वयंभू पेरोकार बने हुए थे,उसे भी कोर्ट ने एक झटके में दूर कर दिया। सुप्रीम कोर्ट चाहता है कि हिन्दू और मुसलमान आपस में मिलकर इस विवाद को सुलझा लें। मैं सोचता हंू कि सुप्रीम कोर्ट का यह रुख सही है क्योंकि यदि कोर्ट कोई फैसला देगा तो एक पक्ष तो असंतुष्ट रहेगा ही। यह कोई सम्पत्ति का विवाद नहीं है। यह अकीदत और आस्था का मामला है। मेरा ऐसा मानना है कि देश को इस मामले में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रयासों का इंतजार करना चाहिए। योगी यूपी के सीएम होने के साथ-साथ हिन्दुओं के पेरोकार भी हैं। राजनीतिक कारणों से कोई चाहे कुछ भी कहे, लेकिन योगी पर आम मुसलमान का भी भरोसा है। योगी ऐसा कोई काम नहीं करेंगे, जिससे उन पर मुसलमानों का भरोसा कम हो। पिछले चुनाव में मुसलमानों ने भी भाजपा और योगी को वोट दिया है। मुसलमानों का समर्थन होने की वजह से ही योगी पांच बार गौरखपुर से सांसद चुने गए हैं। योगी कैसे जनप्रतिनिधि हैं, इसके बारे में गौरखपुर के मुसलमानों से पूछा जा सकता है। योगी को यूपी का सीएम बने हुए मात्र एक पखवाड़ा हुआ है। ऐसे में योगी के प्रयासों का इंतजार करना चाहिए। योगी सुप्रीम कोर्ट की भावना के अनुरूप अयोध्या मसले को कोर्ट से बाहर सुलझाने की क्षमता रखते हैं। जो लोग दिल्ली में बैठ कर अयोध्या मसले पर बयान बाजी करते हैं, उन्हें थोड़े दिन अपनी जुबान पर लगाम लगना चाहिए।
(एस.पी.मित्तल) (31-03-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

No comments:

Post a Comment