Monday 10 April 2017

#2443
कृष्ण जन्मोत्सव है तो हनुमान जयंती क्यों?
हनुमानजी जैसी होनी चाहिए शक्ति और भक्ति। 
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11 अप्रैल को देश दुनिया में हनुमान जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी। माना जाता है कि हिन्दू संस्कृति के बैशाख माह के आरंभ के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था। चूंकि बैसाख माह की पहली तिथि 11 अप्रैल को है, इसलिए हनुमानजी की जयंती मनाई जा रही है। आमतौर पर जयंती महापुरुषों की मनाई जाती है। हनुमान जी कोई व्यक्ति अथवा महापुरुष नहीं थे। हम जब भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हंै तो हमें हनुमान जन्मोत्सव ही मनाना चाहिए। भगवान राम की भी जयंती नहीं, जन्मोत्सव ही मनाया जाता है। यूं तो हिन्दू संस्कृति में अनेक देवी-देवता हुए हैं। लेकिन इन सब में हनुमान जी का चरित्र सबसे अलग है। हनुमान ऐसे भक्त रहे, जिन्होंने भगवान राम की मदद की और जब भगवान राम ने उनकी वीरता के बारे में पूछा तो कहा कि मुझे तो कुछ भी याद नहीं है। क्योंकि मैंने तो राम का नाम लेकर काम किया। यानि विशाल समुन्द्र लांघने, सीता माता का पता लगाने, सोने की लंका को जलाने और फिर लंका पर  विजय प्राप्त करने का जो पराक्रम किया, उसका श्रेय भी नहीं लिया। आज हम देखते हैं कि व्यक्ति छोटे से छोटा कार्य करने पर बड़े से बड़ा श्रेय लेना चाहते हैं। और यदि श्रेय मिलने में कोई कमी रहे जाए तो नाराज हो जाते हैं। ऐसा चरित्र हम आज के राजनेताओं में अच्छी तरह देख सकते हैं। हनुमान जी ने यह माना कि उन्होंने राम नाम की शक्ति से काम किया। लेकिन आज के पार्षद, विधायक, सांसद, मंत्री आदि यह नहीं समझते कि जनता के वोट से ही उन्हें शक्ति मिली है। हनुमान जन्मोत्सव पर हम सभी को यह प्रार्थना करनी चाहिए कि हमें हनुमान जी की तरह शक्ति और भक्ति मिले। 
एस.पी.मित्तल) (10-04-17)
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