Sunday 16 April 2017

#2464
संन्यास की सोचने पर ही नरसिंहा राव और नरेन्द्र मोदी बन गए प्रधानमंत्री। इसलिए राजनीति धर्म के अनुकूल होनी चाहिए। 
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16 अप्रेल को अजमेर के सागर विहार कॉलोनी में स्थित जिज्ञासा समाधान में सवालों का जवाब देते हुए पुरी स्थित गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद महाराज ने कहा कि धर्म से ही विश्व का कल्याण हो सकता है। धर्म में कितनी ताकत है, इसका अंदाजा पी.वी. नरसिंहा राव और नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से लगाया जा सकता है। नरसिंहाराव और मोदी ने संन्यास लेने का सिर्फ मन बनाया था तो वे प्रधानमंत्री बन गए यानि सनातन धर्म में इतनी ताकत है कि धर्म के रास्ते पर चलने का विचार आने से भी बड़े से बड़ा पद हासिल किया जा सकता है। यह बात अलग है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद सत्ता के नशे में अपने धर्म को भी भूल जाते हैं। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि सत्ता में बैठे नेता अपने स्वार्थों की वजह से शंकराचार्य पीठ को ही नुकसान पहुंचाते हैं। सनातन संस्कृति के अनुरूप देश में सिर्फ चार पीठ के शंकराचार्य है गोवर्धन पीठ, जोशी पीठ, संगेरी पीठ और द्वारका पीठ। लेकिन आज हम देखते हैं कि देश में शंकराचार्यों की बाढ़ आ गई है, कोई भाजपाई शंकराचार्य है तो कोई कांग्रेसी। उन्होंने कहा कि यदि सत्ता में बैठे लोगों के मन में धर्म के प्रति अच्छी भावना है तो नकली शंकराचार्य को जेल में डाल देना चाहिए। कुछ लोग मनुवादी होने के नाम पर शंकराचार्य की निन्दा करते हैं। मैं स्वयं को मनुवादी होने पर गर्व महसूस करता हूं। धर्म को समझे बिना ही अनेक लोग धर्मगुरू बन जाते हैं, ऐसे लोग देश और धर्म दोनों को नुकसान करते हैं। एक सवाल के जवाब में शंकराचार्य ने कहा कि हम सत्संग तो सुनते हैं, लेकिन अपनी भावना को जागृत नहीं करते। ऐसे में सत्संग का स्थाई प्रभाव मन और दिमाग पर नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि बिजली के दो स्वरूप हैं पहली बादलों के टकराने से निकलने वाली बिजली, जो हाथों हाथ नष्ट हो जाती है। दूसरी घर में जलाए जाने वाले बल्ब से निकलने वाली रोशनी। हमे सत्संग को बिजली के बल्ब के अनुकूल ग्रहण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब कोई बच्चा मल-मूत्र में सना होता है तो कोई भी पिता उसे गोदी में नहीं लेता। लेकिन जब एक मां उसी बच्चे को साफ-सुथरा कर सुन्दर बना देती हैं तब कोई भी पिता गोदी में उठाए बिना नहीं रह सकता। यही स्थिति भगवान तक पहुंचने की है। 
स्वागत :
समारोह में प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के महानगर संघ चालक सुनील दत्त जैन, कांग्रेस के देहात जिला अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह राठौड़, शहर अध्यक्ष विजय जैन आदि ने शंकराचार्यजी का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रजनीश चारण ने किया। शंकराचार्य ने पुष्कर रोड स्थित लालगढिय़ा पैलेस पर एक धर्मसभा को भी संबोधित किया। 
भगवंत यूनिवर्सिटी में होगा युवा समागम :
अजमेर के जनाना अस्पताल के निकट भगवंत यूनिवर्सिटी के परिसर में 17 अप्रेल को प्रात: 11 बजे शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद महाराज युवा समागम को संबोधित करेंगे। 
(एस.पी.मित्तल) (16-04-17)
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