Sunday 23 April 2017

#2491
मुस्लिम धार्मिक चिन्ह सब पर भारी। अजमेर प्रशासन से लेकर क्षेत्रवासी तक लाचार।
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अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक नगरी अजमेर में पुष्कर रोड पर बीच सड़क पर बनाया गया एक मुस्लिम धार्मिक चिन्ह अब सब पर भारी पड़ रहा है। 22 अप्रेल को पुष्कर रोड के नागफणी मोड़ पर कुछ उत्साही लोगों ने सड़क पर जो धार्मिक चिन्ह बनाया, उसे अब न तो जिला प्रशासन और न सड़क चौड़ा होने की खुशी मनाने वाले क्षेत्रवासियों में हटाने की हिम्मत है। ऐसा नहीं कि मुस्लिम समुदाय के लोग अपने धार्मिक चिन्ह की हिफाजत के लिए मौके पर मौजूद हो। चिलचिलाती धूप में धार्मिक चिन्ह यूं ही रखा हुआ है। 19 अप्रेल को जब पुष्कर रोड से करंट वाले बालाजी के मंंदिर को हटाया था तो जिला कलेक्टर गौरव गोयल, मेयर धर्मेन्द्र गहलोत, क्षेत्रीय विधायक और स्कूली शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी आदि ने खुशी का इजहार किया था। सभी का यह कहना था कि बीच रास्ते से मन्दिर को शिफ्ट कर विकास का रास्ता खोला गया है। अब जब यह मार्ग 60 फीट चौड़ा हो जाएगा तो इस मार्ग पर रोज-रोज जाम नहीं लगेंगे। इसके लिए कलेक्टर, मंत्री, मेयर आदि सभी ने क्षेत्रवासियों को बधाई दी। इसी मार्ग के नागफणी मोड़ पर मुस्लिम समुदाय का एक धार्मिक चिन्ह भी था। यह धार्मिक चिन्ह अवैध रूप से निर्मित एक कमरे में बनाया गया था। यही वजह थी कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मेयर गहलोत के समक्ष यह प्रस्ताव किया कि जब मन्दिर को हटाया जाए, तब इस धार्मिक चिन्ह को भी हटा दिया जाएगा। मेयर गहलोत ने अपना वायदा दिखाते हुए 21 अप्रेल को करंट वाले बालाजी के मंदिर का ढांचा पूरी तरह से हटा दिया। अगले दिन 22 अप्रेल को सुबह-सुबह नागफणी मोड़ के अतिक्रमणों को भी हटा दिया। अतिक्रमण हटाते समय निगम के दल को विरोध का कोई सामना नहीं करना पड़ा। लेकिन एक-दो घंटे बाद कुछ उत्साही युवक आए और उन्होंने विवादित स्थल पर पहले से बड़े धार्मिक चिन्ह का निर्माण कर दिया। अब यह धार्मिक चिन्ह सब पर भारी पड़ रहा है। 23 अप्रेल की शाम को भी कुछ लोगों की एक बैठक हुई, जिसमें धार्मिक चिन्ह को हटाने से पहले वैकल्पिक भूमि की मांग रखी गई। इस बैठक में यह कहा गया कि अब नागफणी मोड़ का धार्मिक चिन्ह तभी हटेगा, जब प्रशासन वैकल्पिक स्थान उपलब्ध करवाएगा। हालांकि अजयमेरू सजग नागरिक समिति ने 22 अप्रेल को ही प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपकर वैकल्पिक स्थल देने का विरोध किया है। समिति के प्रतिनिधि मण्डल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के महानगर संघ चालक सुनील दत्त जैन, भाजपा के शहर जिला अध्यक्ष, अरविन्द यादव सहित 10 से भी ज्यादा पार्षद शामिल थे। मेयर धर्मेन्द्र गहलोत का कहना है कि सभी पक्षों की सहमति से ही धार्मिक चिन्ह को हटाया जाएगा। जिस स्थान से अतिक्रमण हटाए गए हैं, वह नगर निगम की सम्पत्ति है। 
कैसे बनेगा स्मार्ट सिटी :
केन्द्र सरकार ने अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की है। केन्द्र की अनेक योजनाओं में करोड़ों रुपए के विकास कार्य हो भी रहे हैं।  लेकिन अजमेर को तभी स्मार्ट बनाया जा सकता है, जब मुख्य मार्गों से अतिक्रमण हटाए जाएं। अतिक्रमण हटाने की शुरूआत पुष्कर रोड से ही की गई थी, लेकिन प्रशासन पहले ही मोड़ पर उलझता प्रतीत हो रहा है। 
24 अप्रेल को होनी है वार्ता :
नागफणी के मोड़ पर धार्मिक चिन्ह के पक्षधर मुस्लिम प्रतिनिधियों से 24 अप्रेल को प्रशासन की वार्ता होनी है। शहर के अतिरिक्त कलेक्टर अरविन्द सेंगवा ने इस विवाद से जुड़े सभी पक्षों को वार्ता के लिए बुलाया है। मेयर गहलोत भी अपने स्तर पर मामले को निपटाने में लगे हुए हैं। 
(एस.पी.मित्तल) (23-04-17)
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