Wednesday 10 May 2017

#2557
भाजपा की चिंतन बैठक बिशनपुरा के फोर्ट में हुई। 
वसुंधरा राजे को अपनी छवि योगी, शिवराज व खट्टर जैसी बनानी होगी।
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10 मई को राजस्थान भाजपा की चिंतन बैठक जयपुर से 70 किलोमीटर दूर बिशनपुरा फोर्ट में हुई। यह किला राजस्थान विधानसभा के उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह का पुश्तैनी किला है। इस चिंतन बैठक में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी भाग लिया। स्वाभाविक है कि चिंतन बैठक किसी किले में करने से पहले सीएम राजे से सहमति ली गई होगी। यह माना कि सीएम राजे के नेतृत्व में ही राजस्थान में भाजपा को गत विधानसभा चुनाव में दो सौ में से 162 सीटें मिली और फिर लोक सभा चुनवा में प्रदेश की सभी 25 सीटों पर भाजपा जीती। हालांकि इस जीत में मोदी लहर का भी सहयोग रहा, लेकिन फिर भी राजे की रणनीति भी सहायक रही। लेकिन अभी तक भी सीएम राजे की छवि यूपी के योगी आदित्यनाथ, एमपी के शिवराज सिंह चौहान और हरियाणा के मोहनलाल खट्टर जैसी नहीं बनी पाई है। भाजपा शासित इन तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की छवि आम आदमी की मानी जा रही है। जबकि राजस्थान में राजे की छवि अभी भी राजशाही जैसी बनी हुई है। योगी आदित्यनाथ आधी रात को भी मंत्रिमंडल और अफसरों की बैठक करने में कोई हिचक नहीं दिखाते, वहीं राजस्थान में रात आठ बजे बाद ऐसी बैठकें होना संभव नहीं है। ऐसा नहीं कि सीएम राजे मेहनत में कोई कमी कर रही है। पिछले दिनों ही जोधपुर में चिंतन बैठक की तो अब बिशनपुरा के फोर्ट में बैठक की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में न्याय आपके द्वार शिविर लग रहे हैं तो शहरी क्षेत्र में मुख्यमंत्री जनकल्याण शिविर लगाए जा रहे हैं। मंत्रिमंडल की बैठकें भी हफ्ते-दस दिन में हो रही है। राजस्थान में जब तापमान 42 से 45 डिग्री है तब मंत्रियों और अफसरों को फिल्ड में भेजा जा रहा है। सीएम खुद भी लगातार दौरे कर रहीहैं। भाजपा हाईकमान ने साफ कर दिया है कि अगले वर्ष नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव भी राजे के नेतृत्व में ही लड़े जाएंगे। ऐसे में राजे को इस बात पर विचार करना चाहिए कि उनकी छवि योगी, शिवराज और खट्टर जैसी कैसे बने? कहीं ऐसा तो नहीं कि राजे ने अपने चारों तरफ ऐसे लोगों का जाल बिछा रखा है जो राजे को आम आदमी का सीएम बनने नहीं देता। हो सकता है कि नेता, अधिकारी राजे के मिजाज की वजह से सलाह देने से भी डरते हों। ऐसे में राजे को चाहिए कि वे योगी, शिवराज और खट्टर के 24 घंटे की गतिविधियों का अध्ययन करें और फिर उसी पर अमल करते हुए अधिकारियों को प्रोग्राम बनाने के निर्देश दें। यह बात कोई मायने नहीं रखती कि राजे एक महिला हैं। आज तो महिलाएं पुरुषों से कहीं आगे हैं। राजे को भी आम आदमी की छवि में योगी शिवराज और खट्टर से आगे निकलना चाहिए। यह तभी संभव है जब भाजपा की अगली चिंतन बैठक किसी साधारण स्थान पर हो। 
एस.पी.मित्तल) (10-05-17)
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