Friday 12 May 2017

#2562
तो क्या सरकार से भी बड़े हैं शिक्षा सचिव नरेश गंगवार।
शिक्षकों के प्रशिक्षण शिविरों का मामला।
====================
इसे राजस्थान के स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी की रणनीति ही कहा जाएगा कि इस समय प्रदेशभर में शिक्षा सचिव नरेश कुमार गंगवार के खिलाफ आंदेालन हो रहे हैं। यहां तक कि गंगवार को नाग तक की संज्ञा दे दी गई है। शिक्षक संघ चाहे कांग्रेस समर्थक हो अथवा भाजपा। सभी शिक्षक संघ गंगवार के खिलाफ हैं। शिक्षकों का कहना है कि 15 मई से शुरू होने वाले शिक्षक प्रशिक्षण शिविरों को इस बार आवासीय कर दिया गया है। यानि ब्लॉक स्तर पर लगने वाले इन शिविरों में शिक्षक और शिक्षिकाओं को रात के समय भी रुकना ही पड़ेगा। जबकि इससे पहले तक ऐसे शिविर आवासीय नहीं होते थे। हालांकि गंगवार राज्य सरकार के अंग हैं। लेकिन शिक्षकों का मानना है कि शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी की उपेक्षा कर गंगवार ने अपने स्तर पर शिविरों को आवासीय कर दिया है। हालांकि इस मामले में अभी देवनानी की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई हैं, लेकिन जिस तरह से प्रदेशभर के शिक्षक गंगवार को टारगेट कर रहे हैं उससे यह प्रतीत होता है कि देवनानी आवासीय शिविरों के पक्ष में नहीं हैंं। इस बात का पता इससे भी लगता है कि कोई भी शिक्षक संघ देवनानी के खिलाफ नहीं बोल रहा है। इसलिए यह सवाल उठा है कि क्या गंगवार सरकार से भी बड़े हो गए हैं?
शिक्षा विभाग में सरकार का मतलब मंत्री देवनानी ही है। जानकारों की माने तो देवनानी ने अपनी भावनाओं को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तक पहुंचा दिया है, लेकिन अभी तक भी मुख्यमंत्री के स्तर पर इस विवाद को नहीं निपटाया गया है। वहीं गंगवार ने अपने प्रशासनिक चैनल से मुख्यमंत्री सचिवालय तक यह संदेश भिजवा दिया है कि शिक्षकों के आंदोलन के पीछे एक मंत्री की भूमिका है। गंगवार का तर्क है कि प्रशिक्षण शिविरों में शिक्षक रजिस्टार में हस्ताक्षर कर चले जाते हैं, किसी भी शिक्षक की रुचि प्रशिक्षण लेने में नहीं होती। इसलिए शिविरों को आवासीय किया गया है। जब रात के समय भी शिक्षकों को रुकना पड़ेगा तो दिन में प्रशिक्षण में रुचि दिखाएंगे। 
हो सकता है बहिष्कार:
विभिन्न शिक्षक संघ अब शिविरों के बहिष्कार की रणनीति बना रहे हैं। जिस प्रकार शिक्षा सचिव गंगवार ने इसे अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लियाहै। उसी प्रकार शिक्षक संघ भी पीछे नहीं हटना चाहते। प्रदेशभर में कोई सवा दो लाख शिक्षक इन शिविरों से प्रभावित हो रहे हैं। महिला शिक्षक तो किसी भी स्थिति में रात के समय प्रशिक्षण स्थल पर रुकना नहीं चाहता। गंगवार ने भी संदेश भिजवा दिया है कि यदि शिविरों का आवासीय नहीं रखा जाता है तो फिर वे शिक्षा सचिव के पद पर काम नहीं करेंगे। अब देखना है कि मुख्यमंत्री अपने शिक्षामंत्री के साथ खड़ी होती है या फिर शिक्षा सचिव के ही फैसले पर अमल करवाती है। 
(एस.पी.मित्तल) (12-05-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

No comments:

Post a Comment