Tuesday 27 June 2017

#2733
जीएसटी को लेकर भाजपा के पदाधिकारी ही सरकार के खिलाफ। तो फिर आम व्यापारी कैसे संतुष्ट होगा? 
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जीएसटी के टैक्स प्रावधानों को लेकर अजमेर और राजस्थान में भाजपा के जिम्मेदार पदाधिकारी ही सरकार के खिलाफ सड़कों पर हैं। सवाल उठता है कि जब भाजपा के पदाधिकारी ही नाराज है तो फिर आम व्यापारी संतुष्ट कैसे होगा ? सत्तारूढ़ पार्टी के पदाधिकारी होने के नाते इन भाजपा नेताओं की यह जिम्मेदारी है कि वे जीएसटी के लाभ के बारे में आम व्यापारी और उपभोक्ता को समझाएं। लेकिन अजमेर और राजस्थान भर में जीएसटी के खिलाफ कारोबार बंद करवाने और सरकार को गालियां देने में भाजपा के नेता ही सबसे आगे हैं। राजस्थान में कपड़ा कारोबार 4 दिन के लिए 27 जून से बंद हो गया है। बंद को सफल बनाने के लिए अजमेर में जो संघर्ष समिति बनी है, उसका नेतृत्व प्रवीण जैन कर रहे हैं। जैन ही शहर भाजपा की कार्यसमिति के सदस्य हैं और जैन की जयपुर रोड स्थित होटल केसी इन में आए दिन सरकार के मंत्रियों और संगठन की बैठकें होती है। जैन ने 27 जून को भी टीवी चैनलों पर केन्द्र सरकार की जमकर आलोचना की। बाजारों से जो जुलूस निकाला गया, उसकी अगुवाई भी जैन ने ही की। इस प्रकार किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश टांक ने घोषणा की है कि जीएसटी के खिलाफ एक जुलाई से राजस्थान भर की मार्बल मंडियां बंद रहेंगी। देश का 97 प्रतिशत मार्बल कारोबार राजस्थान में ही होता है। किशनगढ़ मंडी विश्वविख्यात है जबकि सुरेश टांक भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य हैं। सत्तारूढ़ पार्टी के नेता होने की वजह से ही टांक ने केन्द्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली तक से मुलाकात की है। टांक के राजनीतिक प्रभाव की वजह से ही राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे ने भी जीएसटी में मार्बल टैक्स कम करने  का आग्रह केन्द्र सरकार से किया है। 30 जून से ही राजस्थान की 247 कृषि मंडियों में भी बंद शुरू हो रहा है। मंडी हड़ताल में भी भाजपा के पदाधिकारी सक्रिय हैं। 
सरकार के प्रयासों पर पानी :
एक ओर केन्द्र की भाजपा सरकार जीएसटी को देश में क्रान्तिकारी बदलाव मान रही हैं तो वहीं दूसरी ओर संगठन के पदाधिकारी ही जीएसटी को जनविरोधी बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सरकार 30 जून की आधी रात को संसद का विशेष सत्र बुलाकर जश्न मना रही है और इधर भाजपा के नेता काली पट्टियां बांध कर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। मीडिया में करोड़ों रुपए के विज्ञापन देकर जीएसटी के लाभ बताए जा रहे हैं तो भाजपा के नेता जीएसटी को काला कानून बता रहे हैं। भाजपा नेताओं के विरोध की वजह से ही सरकार के सकारात्मक प्रयासों पर पानी फिर रहा है। सरकार ने साफ कर दिया है कि अब जीएसटी में कोई बदलाव नहीं होगा। 
एस.पी.मित्तल) (27-06-17)
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