Tuesday 18 July 2017

#2795
न्यायाधीश किशन गुर्जर ने कर दिया एक ही दिन में 55 मुकदमों का फैसला। ऐसे मिलना चाहिए न्याय।
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राजस्थान के भीलवाड़ा में तैनात मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के न्यायाधीश किशन गुर्जर ने एक ही दिन में 55 मुकदमों का फैसला कर न्यायिक इतिहास में एक बड़ा काम किया है। 17 जुलाई को न्यायाधीश गुर्जर जब प्रतिदिन की तरह न्यायालय पहुंचे तो वकीलों, पक्षकारों और कर्मचारियों ने उनके चेहरे पर एक नया अंदाज देखा। गुर्जर ने न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठते ही यह तय कर लिया, कि आज मुकदमों के निस्तारण का रिकार्ड बनाना है। शाम होते-होते गुर्जर ने 55 मुकदमों का निस्तारण कर दिया। इनमें से 17 मामलों में पूर्व में बहस सुनी जा चुकी थी। जबकि 28 मामलों में आज भी बहस सुनी और फैसला दे दिया। 10 मामले लोक अदालत की भावना से पक्षकारों में राजीनामा करवाकर किया। भीलवाड़ा के वकीलों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी न्यायाधीश ने एक दिन में 55 मुकदमों का निस्तारण किया हो। 
एडीजे बनने की खुशी में :
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) बनने से पहले किशन गुर्जर अजमेर में वकालात करते थे। गुर्जर ने बताया कि 17 जुलाई 2013 को ही उन्होंने राजस्थान के बारां में एडीजे का पद संभाला था। चूंकि 17 जुलाई 2017 को उन्हें न्यायाधीश बने 4 वर्ष हो रहे थे। इसलिए उन्होंने अनोखा काम करने का फैसला लिया। गुर्जर ने कहा कि वे लम्बे अरसे तक वकील रहे हैं, इसलिए पक्षकारों खासकर दुर्घटना में जख्मी हुए पीडि़तों अथवा मृतकों के आश्रितों की पीड़ा को समझते हैं। मानवीय संवेदनाओं और कानून के दायरे का समझते हुए ही उन्होंने एक दिन में 55 मुकदमों का फैसला किया है। उनका लक्ष्य अब एक दिन में 100 मुकदमें निपटाने का है। न्यायाधीश गुर्जर ने भीलवाड़ा के वकीलों का भी आभार जताया है। इस अनूठे कार्य के लिए न्यायाधीश गुर्जर को उनके मोबाइल नंबर 9314459911 पर बधाई दी जा सकती है। 
एस.पी.मित्तल) (18-07-17)
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