Thursday 20 July 2017

#2804
तो जीत गई असहिष्णुता की विचारधारा! कांगे्रस और विपक्ष अपनी स्थिति का आंकलन करें। कोविंद को मिले 65.65 प्रतिशत मत। 
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20 जुलाई को एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति का चुनाव भारी अंतर से जीत लिया है। कांग्रेस के गठबन्धन वाले यूपीए की उम्मीदवार मीरा कुमार ने अपने प्रचार के दौरान कहा था कि यह दो विचारधारा के बीच चुनाव है। एक विचारधारा सहिष्णुता यानि धर्मनिरपेक्षता की है तो दूसरी असहिष्णुता यानि साम्प्रदायिकता की है। मीरा कुमार ने स्वयं को धर्म निरपेक्षता की विचारधारा वाला उम्मीदवार बताते हुए सांसदों और राज्य के विधायकों से अंतर्आत्मा से वोट देने की अपील की। चुनाव परिणाम बताते हैं कि सांसदों और विधायकों ने मीरा कुमार की उस विधारधारा को हरा दिया, जिसे धर्म निरपेक्षता की विचारधारा कहा जा रहा था। पूरा देश देख रहा है कि कश्मीर, पश्चिम बंगाल, केरल आदि राज्यों में किस तरह की धर्म निरपेक्षता है। साम्प्रदायिकता को धर्म निरपेक्षता बता-बता कर ही पूरे देश से कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो रहा है। जिस कांग्रेस का देश में एकछत्र शासन था, उसके अब संसद में मात्र 44 सांसद हैं तो मुश्किल से 4 राज्यों में सरकारें हंै। कांग्रेस जिस भाजपा पर साम्प्रदायिकता, असहिष्णुता का आरोप लगाती है, उस भाजपा के संसद में 283 सांसद और देश के अधिकांश राज्यों में सरकारें हैं। असल में देश की जनता के अब यह समझ में आ गया है कि धर्म निरपेक्षता का मतलब क्या होता है। देश के मुसलमान भी कांग्रेस के धर्म निरपेक्षता के नारे को समझने लगे हैं। जिन राज्यों में भाजपा का शासन है, उनमें साम्प्रदायिक सद्भावना का माहौल अपेक्षाकृत अच्छा है। जबकि हम पश्चिम बंगाल और केरल के हालात देख रहे हैं। कांग्रेस की इसी धर्म निरपेक्षता की नीति से कश्मीर घाटी हिन्दू विहिन हो गई। कांग्रेस बताए कि क्या यही धर्म निरपेक्षता है? चूंकि सांसद और विधायक धर्म निरपेक्षता और असहिष्णुता का मतलब समझते हैं, इसलिए कांग्रेस की उम्मीदवार मीरा कुमार को भारी अंतर से हरा दिया। यदि मीरा कुमार की अपील में सच्चाई होती तो कुछ विधायक अंतर्आत्मा से वोट दे ही देते। उलटे यूपीए में शामिल जेडीयू जैसे दलों ने भी मीरा कुमार को वोट नहीं दिया। छोटे दलों के विधायकों और निर्दलीय विधायकों पर भी मीरा कुमार की अपील का कोई असर नहीं हुआ। अच्छा हो कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल देश में सद्भावना और सबको साथ लेकर चलने की बात करें। आज देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने की सख्त जरूरत है। पाकिस्तान हमारे कश्मीर को हड़पना चाहता है तो चीन सिक्कम पर बुरी नजर रखे हुए हैं। ऐसे में देश के सवा सौ करोड़ लोगों को एकजुटता दिखानी होगी। 
एस.पी.मित्तल) (20-07-17)
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