Sunday 30 July 2017

#2841
वसुंधरा सरकार को अब केन्द्र से पैकेज की दरकार। बाढ़ प्रभावित जिलों में प्रशासन के साथ सेना भी मुस्तैद। 
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राजस्थान देश के उन राज्यों में शामिल हैं, जहां बाढ़ की वजह से हालात खराब हैं। लेकिन केन्द्र सरकार की ओर से अभी तक भी राजस्थान को कोई मदद नहीं मिली है। हालांकि अब तक कोई 50  से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और ग्रामीण क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। पशुधन के साथ-साथ कच्चे-पक्के मकान भी धराशायी हो गए हैं। 30 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेडियो पर मन की बात में भी बाढ़ से होने वाली परेशानी का जिक्र किया है। मोदी का कहना रहा कि केन्द्र ने अनेक राज्यों में मदद की पहल की है। मोदी का इशारा गुजरात को केन्द्र द्वारा दी गई मदद की ओर था। हालांकि राजस्थान गुजरात से जुड़ा हुआ प्रदेश है। लेकिन अभी तक भी केन्द्र से कोई मदद नहीं मिल पाई है। अब राजस्थान सरकार ही अपनी ओर से पैकेज की मांग करने जा रही है। आंकलन किया जा रहा है कि बाढ़ की वजह से कितना नुकसान हुआ है। राज्य सरकार की ओर से दो-तीन चरणों में केन्द्र से मदद मांगने की योजना है। पहले चरण में बाढ़ प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता मिले तो दूसरे चरण में नुकसान का मुआवजा। अब देखना है कि राज्य सरकार की दरकार पर केन्द्र कितनी मदद करता है। 
प्रशासन और सेना मुस्तैद : 
राजस्थान के आपदा प्रबंधन के सचिव हेमन्त गैरा (आईएएस) ने बताया कि सेना के जवानों के साथ प्रशासन भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मुस्तैद है। सेना के कोई 450 जवान अपने साधनों के साथ लोगों की भरपूर मदद कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से एनडीआरएफ की टीमों को जगह-जगह तैनात किया गया है। गैरा ने बताया कि वे स्वयं जोधपुर में कैम्प कर पाली, सिरोही, जालौर, बाड़मेर आदि जिलों के हालातों पर नजर रखे हुए हैं। प्रशासन के अधिकारी रात और दिन मेहनत कर लोगों की मदद कर रहे हैं। पाली के पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव भी प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों की मदद का काम कर रहे हैं। 
एस.पी.मित्तल) (30-07-17)
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