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अजमेर में भी मिला था हिस्ट्रीशीटर महावीर प्रसाद टोरडी को वीआईपी ट्रीटमेंट।
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जयपुर के करणी विहार थाने के हिस्ट्रीशीटर महावीर प्रसाद टोरडी को गत 23 जुलाई को अजमेर में भी प्रशासन की ओर से वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया था। चूंकि राज्य सरकार ने टोरडी को स्टेट गेस्ट माना था, इसलिए उसे सर्किट हाउस में ठहराया गया। इतना ही नहीं सर्किट हाउस में टोरडी ने सरकार के खर्चे पर ही प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। अजमेर में जब सरकारी अमला टोरडी की जी हजूरी कर रहा था, तब किसी को भी यह पता नहीं चला कि टोरडी हिस्ट्रीशीटर है। मजे की बात तो यह है कि टोरडी की हिस्ट्रीशीट मात्र 7 वर्ष पहले ही खुली थी। लेकिन इसके बाद भी टोरडी स्टेट गेस्ट बन कर प्रदेश भर में घूम रहा था। टोरडी की पोल सीकर में खुली। सीकर प्रशासन को जब यह पता कि टोरडी तो जयपुर का हिस्ट्रीशीटर है तो उसने टोरडी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। सरकार के अधिकारी अब अपने बचाव में कुछ भी कहें, लेकिन टोरडी ने स्वयं को नेपाल के उपराष्ट्रपति के विशिष्ट सलाहकार बता दिया। सरकार के किसी भी स्तर पर यह जानने की कोशिश नहीं की कि टोरडी का नेपाल सरकार से संबंध है या नहीं। इससे सरकार की लापरवाही भी उजागर होती है। जानकारों की माने तो टोरडी को राजस्थान में स्टेट गेस्ट का सम्मान दिलवाने में एक बड़े राजनेता की भूमिका रही है। राज्य सरकार के लिए यह बेहद गंभीर मामला है। सरकार को उन दोषी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए, जिनकी वहज से एक हिस्ट्रशीटर को स्टेट गेस्ट मान लिया गया। इससे सरकार की भी जग हंसाई हुई है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि टोरडी की प्रेस कान्फ्रेंस के समाचार अजमेर के प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित भी हुए।
एस.पी.मित्तल) (01-08-17)
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