Wednesday 23 August 2017

#2940
स्व. सांवरलाल जाट के घर के बाहर भाजपा में उम्मीदवारों की लम्बी कतार। अजमेर संसदीय क्षेत्र में उपचुनाव की हलचल।
===== 
फिलहाल तो यही माना जा रहा है कि अजमेर संसदीय क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव में पूर्व सांसद सांवरलाल जाट के परिवार में से ही किसी सदस्य को भाजपा का उम्मीदवार बनाया जाएगा। लेकिन यदि समय गुजरने के साथ राजनीतिक माहौल में बदलाव होता है तो स्वर्गीय जाट के घर के बाहर चुनाव लडऩे वालों की लम्बी कतार लगी हुई है। जाट समुदाय के कई नेता स्वयं को स्वर्गीय जाट का राजनीतिक उत्तराधिकारी मानते हैं। लेकिन वहीं जातीय समीकरण के बाहर वाले भी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। उम्मीदवारी के इच्छुक भाजपा नेताओं का मानना है कि उपचुनाव तो सरकार लड़ेगी। जब राज्य सरकार की प्रतिष्ठा दांव पर होगी तो फिर जीत तो हो ही जाएगी और यदि जीत नहीं भी हुई तो राजनीति में कद तो बढ़ ही जाएगा। वैसे भी अजमेर संसदीय क्षेत्र के 8 विधानसभा क्षेत्रों में से 7 में भाजपा के विधायक हैं। ऐसे में चुनाव जिताने की जिम्मेदारी इन भाजपा विधायकों की भी होगी। जाट समुदाय से जुड़े भाजपा नेता तभी चुनाव लडऩे के इच्छुक है जब स्वर्गीय जाट के परिवार के सदस्य खासकर उनकी पत्नी श्रीमती नर्बदा देवी समर्थन देने की घोषणा करे। कहा जा रहा है कि स्वर्गीय जाट के पुत्र रामस्वरूप लाम्बा को अगले वर्ष होने वाले विधानसभा के चुनाव में नसीराबाद से भाजपा का उम्मीदवार बनाया जाएगा। 
रामचन्द्र चौधरी 
अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी को भी भाजपा की ओर से मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है। चौधरी जाट समुदाय से जुड़े होने के साथ-साथ डेयरी के ग्रामीण क्षेत्र के नेटवर्क के भी मुखिया हैं। अधिकांश गांव में दुग्ध उत्पाद सहकारी समितियां बनी हुई हैं। इन समितियों के माध्यम से बड़ी संख्या में ग्रामीण जुड़े हुए हैं। हालांकि चौधरी की पृष्ठभूमि कांग्रेस की रही है। लेकिन गत लोकसभा के चुनाव में चौधरी ने भाजपा को खुला समर्थन दिया था। यही वजह रही कि चौधरी को फिर से डेयरी का अध्यक्ष बनवाने में स्वर्गीय सांवरलाल जाट ने पूरी मदद की। 
भागीरथ चौधरी 
किशनगढ़ के भाजपा विधायक भागीरथ चौधरी को भी मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है। चौधरी ने 19 अगस्त को ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से उपचुनाव के संदर्भ में मुलाकात की है। जाट समुदाय में चौधरी की छवि साफ-सुथरी मानी जाती है। चूंकि किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र में बड़ी संख्या में जाट मतदाता हैं इसलिए चौधरी को भी उम्मीदवार बनाया जा सकता है। यहां यह उल्लेखनीय है कि चौधरी के सांसद बनने पर विधानसभा का उपचुनाव करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि चुनाव जीतने के बाद से आगामी 6 माह तक चौधरी दोनों पदों पर बने रह सकते हैं। वहीं अगले वर्ष नवम्बर  में विधानसभा के चुनाव होने ही हैं। 
भंवर सिंह पलाड़ा 
मसूदा से भाजपा की विधायक श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा के पति भंवर सिंह पलाड़ा को भी भाजपा का दमदार उम्मीदवार माना जा रहा है। पलाड़ा के केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से करीबी सम्बन्ध हैं। यदि स्वर्गीय जाट के परिवार और जाट समुदाय से बाहर जाकर उम्मीदवार बनाने पर विचार हुआ तो पलाड़ा का पलड़ा भारी रह सकता है। अभी हाल ही में हुए आनंदपाल प्रकरण में आंदोलन से निपटने में सरकार की ओर से पलाड़ा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पलाड़ा भाजपा के उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने आंदोलन को खत्म करवाया। सब जानते हैं कि भले ही श्रीमती पलाड़ा जिला प्रमुख और विधायक रही हो लेकिन चुनाव की जाजम पलाड़ा ही बिछाते हैं। पलाड़ा पहले भी लोकसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवारी खुल कर जता चुके हैं। अजमेर जिले में राजपूत समुदाय के वोट भी बड़ी संख्या में है। 
बी.पी. सारस्वत 
अजमेर देहात भाजपा के जिला अध्यक्ष बी.पी. सारस्वत भी उपचुनाव में उम्मीदवार माने जा रहे हैं। 23 अगस्त को मुम्बई में एक राजनीतिक बैठक में सारस्वत ने ही राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया। हालांकि सारस्वत एमडीएस यूनिवर्सिटी में प्रो. के पद पर कार्यरत हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनकी राजनीतिक सक्रियता बढ़ गई है। यदि भाजपा जातीय समीकरणों से बाहर निकल कर अपने संगठन के बूते पर चुनाव लड़े तो प्रो. सारस्वत की उम्मीदवारी हो सकती है। सारस्वत लगातार तीसरी बार भाजपा के जिला अध्यक्ष बने हैं। सारस्वत को सीएम वसुंधरा राजे का करीबी भी माना जाता है। 
शत्रुघ्न गौतम 
केकड़ी के भाजपा विधायक और संसदीय सचिव शत्रुघ्न गौतम को भी उपचुनाव में भाजपा का उम्मीदवार माना जा रहा है। गौतम ने भी 19 अगस्त को ही उपचुनाव के संदर्भ में सीएम राजे से मुलाकात की थी। कहा जा रहा है कि जिले के ब्राहमण मतदाताओं पर गौतम का खास असर है। चुनाव की रणनीति बनाने में गौतम को माहिर माना जाता है। 
रासासिंह रावत 
अजमेर से पांच बार भाजपा के सांसद रहे रासा सिंह रावत को भी उपचुनाव में उम्मीदवार माना जा रहा है। रावत ने बिना किसी हिचक के बड़े भाजपा के नेताओं से मिलकर चुनाव लडऩे की इच्छा जताई है। रावत का कहना है कि जब वे विपरीत परिस्थितियों में भी पांच बार चुनाव जीत सकते हैं तो अभी तो अनुकूल परिस्थितियां हैं। चूंकि वे पांच बार अजमेर के सांसद रहे हैं, इसलिए आज भी मतदाताओं से सम्पर्क बना हुआ है। उनके राजनीतिक जीवन पर कोई दाग भी नहीं है। 
पुखराज पहाडिय़ा 
पूर्व जिला प्रमुख पुखराज पहाडिय़ा ने भी भाजपा के बड़े नेताओं का ध्यान अपनी उम्मीदवारी की ओर आकर्षित किया है। पहाडिय़ा भाजपा के पुराने नेता रहे हैं। हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर भी पहाडिय़ा के निवास पर आए थे। माथुर हाईकमान के सामने पहाडिय़ा का नाम प्रभावी तरीके से रख सकते हैं। सोशल मीडिया पर समर्थकों ने पहाडिय़ा के पक्ष में अभियान चला दिया है। 
विकास चौधरी/सरिता गैना 
एमडीएस यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष रहे और राजस्थान जाट महासभा के जिला अध्यक्ष विकास चौधरी ने भी अपनी उम्मीदवारी जताई है। चौधरी का कहना है कि वे पढ़े-लिखे युवा हैं इसलिए उनकी उम्मीदवारी पर भाजपा को गंभीरता के साथ विचार करना चाहिए। इसी प्रकार अजमेर की पूर्व जिला प्रमुख सरिता गैना भी उम्मीदवारी को लेकर गंभीर हैं। श्रीमती गैना ने वर्ष 2015 में नसीराबाद से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था, लेकिन पार्टी में आपसी खींचतान की वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 
एस.पी.मित्तल) (23-08-17)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

No comments:

Post a Comment