Wednesday 6 September 2017

#2993
एसओजी के इंस्पेक्टर पर हाई सिक्योरिटी जेल में हमले को सरकार गंभीरता से ले। इससे राजस्थान का राजपूत समाज प्रभावित है।
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राजस्थान की वसुंधरा सरकार को एसओजी के इंस्पेक्टर सूर्यवीर सिंह राठौड़ पर अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में हुए हमले को गंभीरता से लेना चाहिए। राठौड़ पर हमला तब हुआ जब 5 सितम्बर को वह अपराधी रुपेन्द्र पाल उर्फ विक्की को वारंट के जरिए गिरफ्तार करने के लिए जेल के अंदर आए थे। यह वारंट जयपुर की अदालत ने फिरौती के मामले में जारी किया था। जेल में इंस्पेक्टर राठौड़ को देखते ही अपराधी विक्की ने लाथ-घुसे चलाना शुरू कर दिया। सरकार में बैठे जिम्मेदार लोगों को यह समझना चाहिए कि विक्की कोई साधारण अपराधी नहीं है। बल्कि कुख्यात अपराधी रहे आनंदपाल का भाई है। सरकार को यह अच्छी तरह पता है कि आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद राजस्थान में राजपूत समाज का बड़ा आंदोलन हुआ था। आंदोलन से घबरा कर ही सरकार ने एनकाउंटर की जांच सीबीआई से कराने की घोषणा की थी। यह बात अलग है कि दो माह गुजर जाने के बाद भी केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने अभी तक भी राज्य सरकार की सिफारिश पर कोई निर्णय नहीं लिया है। आनंदपाल एनकाउंटर के लिए पुलिस अधिकारियों की जो टीम बनाई गई थी, उसमें इंस्पेक्टर सूर्यवीर सिंह राठौड़ भी शामिल थे। स्वाभाविक है कि जिन लोगों ने आंदोलन किया उनकी नाराजगी एनकाउंटर वाली टीम से भी है और जब आनंदपाल के भाई विक्की को गिरफ्तार करने के लिए किसी को भेजा जा रहा था, तब सरकार को बेहद सतर्कता बरतने की जरूरत थी। आज भी आनंदपाल के समर्थकों ने सरकार के रवैये को लेकर गुस्सा है तो फिर उसके भाई विक्की के गुस्से के अंदाजा पहले ही लगा लेना चाहिए था। हाई सिक्योरिटी जेल में एक इंस्पेक्टर पर हमले की घटना सरकार की किरकिरी करती है। यह भी समझना चाहिए कि आनंदपाल के एनकाउंटर से राजपूत समाज का एक बड़ा वर्ग जुड़ा हुआ है। चूंकि राजस्थान में अलगे वर्ष ही विधानसभा के चुनाव होने हैं, ऐसे में सरकार को राजनीतिक सूझबूझ भी दिखानी चाहिए। सरकार यदि यह समझती है कि आनंदपाल के समर्थकों का मुकाबला राजपूत समाज के अधिकारियों से ही करवा दिया जाएगा तो सरकार मुगालते में है। सरकार माने या नहीं लेकिन एसओजी के इंस्पेक्टर सूर्यवीर सिंह राठौड़ पर हुए हमले के दूरगामी परिणाम होंगे।
एस.पी.मित्तल) (06-09-17)
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