Friday 8 September 2017

#3003
आखिर मूंग की खरीद क्यों नहीं कर रही सरकार। सीएम के पुतले को लेकर सीकर आठवें दिन भी किसानों का महापड़ाव जारी। 
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8 सितम्बर को भी राजस्थान के सीकर में आठवें दिन भी किसानों का महापड़ाव जारी रहा। हजारों किसान कृषि मंडी के खुले आसमान में रात और दिन धरने पर बैठे हुए हैं। 7 सितम्बर को सीकर बंद भी रहा। लेकिन अभी तक भी राज्य की वसुंधरा राजे सरकार पर महापड़ाव का कोई असर नहीं हुआ है। हालांकि सीकर में कर्ज माफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर महापड़ाव हो रहा है। लेकिन सवाल उठता है कि आखिर सरकार मूंग की खरीद क्यों नहीं कर रही है? आज किसानों के घरों में मूंग भरा पड़ा है। उसे मजबूरी में बाजार में 3 हजार 500 रुपए प्रति क्विंटल में बेचना पड़ रहा है। जबकि सरकार ने मूंग का समर्थन मूल्य 5 हजार 500 रुपए प्रति क्विंटल घोषित कर रखा है। ऐसे में गरीब किसानों को प्रति क्विंटल 2 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है। सवाल उठता है कि जब सरकार ने समर्थन मूल्य घोषित कर रखा है तो फिर सरकार मूंग की खरीद क्यों नहीं कर रही? सरकार की ओर से बार-बार यह दावा किया जाता है कि हम किसानों का राहत दे रहे हैं। लेकिन मूंग की खरीद नहीं कर सरकार अपनी कथनी और करनी में फर्क कर रही है।
पुतले के शव के साथ प्रदर्शनः
सीकर के महापड़ाव में ग्रामीण महिलाएं भी बड़ी संख्या में भाग ले रही हैं। इन महिलाओं ने सीएम वसुंधरा राजे के पुतले के शव को रखा हुआ है। महिलाओं का कहना है कि पुतले को तब तक रखा जाएगा जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती। सरकार की नीतियों की वजह से किसानों का जीवन दूभर हो गया है। 
हो सकता है जयपुर कूचः
महापड़ाव को जारी रखने वाले नेता अब जयपुर कूच पर विचार कर रहे हैं। नेताओं ने पहले ही कहा था कि यदि 7 सितम्बर तक सरकार ने वार्ता की कोई पहल नहीं की, तो फिर सारे किसान एकत्रित होकर जयपुर में महापड़ाव करेंगे। इस मामले में गंभीर बात यह है कि राज्य सरकार की ओर से अभी तक भी किसानों से वार्ता की कोई ठोस पहल नहीं की गई है।
एस.पी.मित्तल) (08-09-17)
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