Monday 18 September 2017

#3038
भारत की सुरक्षा के लिए खतरा हैं रोहिंग्या मुसलमान। केन्द्र का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा। पाकिस्तान और बांग्लादेश में क्यों नहीं लेते शरण।
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18 सितम्बर को केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा पेश कर रोहिंग्या मुसलमानों को भारत की सुरक्षा के लिए खतरा माना है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक रोहिंग्या मुसलमानों के सम्पर्क पाकिस्तान के अनेक आतंकी संगठनों से हैं। इतना ही नहीं खूंखार आतंकी संगठन आईएस से भी तार जुड़े हुए हैं। हवाला के जरिए भी रोहिंग्या मुसलमानों को मदद मिलती है, मानव तस्करी में भी लिप्त हैं। हलफनामे में गृह मंत्रालय ने रोहिंग्य मुसलमानों की उपस्थित को भारत में गैरकानूनी माना है। 16 पन्ने के हलफनामे में कहा गया है कि अनेक रोहिंग्या मुसलमानों ने भारत में मतदाता पहचान पत्र तथा पेन कार्ड तक बनवा लिए हैं। हलफनामे में कहा गया कि यदि रोहिंग्य मुसलमानों को भारत में शरण दी जाती है तो भारत के नागरिकों के अधिकारों का हनन होगा। मालूम हो कि म्मांयार से 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान भारत में आ चुके हैं। इनमें से 10 हजार से ज्यादा आतंकवाद ग्रस्त कश्मीर में हैं। 
प्रशांत भूषण की है याचिकाः
आम आदमी के संस्थापक सदस्य रहे प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में शरण देने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि म्मांयार में इन मुसलमानों पर अत्याचार हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के हलफनामे पर अब प्रशांत भूषण से जवाब मांगा गया है। इस मामले में 3 अक्टूबर को सुनवाई होगी। 
पाक-बांग्लादेश क्यों नहीं देते शरण?ः
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील सुब्रह्मणय स्वामी ने सवाल उठाया है कि रोहिंग्या मुसलमानों को मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान और बांग्लादेश शरण क्यों नहीं देते हैं? यदि मुसलमानों को अपने समुदाय के लोगों की इतनी ही चिंता है तो उन्हें पाकिस्तान और बांग्लादेश पर दबाव बनाकर रोहिंग्या मुसलमानों को वहां बसाना चाहिए। स्वामी ने कहा कि जब पाकिस्तान-बांग्लादेश जैसे मुस्लिम राष्ट्र ही रोहिंग्य मुसलमानों को शरण देने को तैयार नहीं है तो फिर भारत में शरण देने का माहौल क्यों बनाया जा रहा है? रोहिंग्या मुसलमानों ने म्मांयार में जो कृत्य किया उसी की वजह से उन्हें म्मांयार से भगाया गया है। रोहिंग्य मुसलमानों को भारत में रहने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। स्वामी ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि रोहिंग्य मुसलमानों को शरण दिलवाने के लिए जुम्मे की नमाज के बाद जुलूस निकाले जा रहे हैं। जबकि  कश्मीर घाटी से 4 लाख हिन्दुओं को पीट-पीट कर भगा दिया, लेकिन किसी ने भी हिन्दुओं की वापसी की मांग नहीं की। उन्होंने कहा कि रोहिंग्य मुसलमानों पर बेवहज की राजनीति की जा रही है। भारत में रोहिंग्य मुसलमानों को किसी भी स्थिति में शरण नहीं दी जा सकती है। 
एस.पी.मित्तल) (18-09-17)
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