Thursday 28 September 2017

आखिर सुरेन्द्र सिंह शेखावत भाजपा में शामिल हुए। इधर पायलट अजमेर आए, उधर जयपुर में प्रदेशाध्यक्ष परनामी ने निलम्बन रद्द किया। ============

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आखिर सुरेन्द्र सिंह शेखावत भाजपा में शामिल हुए। इधर पायलट अजमेर आए, उधर जयपुर में प्रदेशाध्यक्ष परनामी ने निलम्बन रद्द किया।
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28 सितम्बर को जयपुर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने अजमेर के बागी नेता सुरेन्द्र सिंह शेखावत को भाजपा में फिर से शामिल कर लिया। परनामी ने उम्मीद जताई कि शेखावत अब पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ अजमेर में भाजपा को मजबूत  करने का काम करेंगे। माना जा रहा है कि अजमेर में होने वाले लोकसभा उपचुनाव के मद्देनजर शेखावत को भाजपा में शामिल करवाने में अजमेर दक्षिण क्षेत्र की भाजपा विधायक और प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिता भदेल की सक्रिय भूमिका रही है। शेखावत को भाजपा में शामिल करवाने में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर का भी दबाव रहा है। हालाकि शेखावत के भाजपा में शामिल होने से उत्तर क्षेत्र के विधायक व स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी खुश नहीं होंगे। क्योंकि शेखावत पूर्व में भी उत्तर क्षेत्र से विधानसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवारी जता चुके है। देवनानी और शेखावत की लड़ाई जग जाहिर रही है। शेखावत के भाजपा में आने से अब श्रीमती भदेल को भी राजनैतिक दृष्टि से मजबूती मिलेगी।
बागी उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था मेयर का चुनाव :
मालूम हो कि शेखावत ने वर्ष 2015 में भाजपा के बागी उम्मीदवार के तौर पर अजमेर नगर निगम में मेयर का चुनाव लड़ा था। तब शेखावत ने कांग्रेस के पार्षदों की मदद से 60 में से 30 मत प्राप्त कर भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार धर्मेन्द्र गहलोत की बराबरी कर ली लेकिन बाद में जब लॉटरी की पर्ची से परिणाम घोषित किया गया तो गहलोत की जीत हो गई। हालाकि इस परिणाम को शेखावत ने अदालत में चुनौती भी दी लेकिन अदालत का फैसला भी गहलोत के पक्ष में रहा। बगावत करने की वजह से ही शेखावत को छह वर्ष के लिए पार्टी से निलम्बित कर दिया गया।
चम्पालाल महाराज ने कराया समझौता :
मेयर धर्मेन्द्र गहलोत और शेखावत के बीच पिछले दिनों राजगढ़ स्थित मसाणियां भैरव धाम के उपासक चम्पालाल महाराज ने समझौता करवाया था। भैरव धाम पर गहलोत  और शेखावत ने महाराज के सामने यह संकल्प लिया कि वह भविष्य में कभी भी झगड़ा नहीं करेंगे। इस सुलह के बाद ही शेखावत का भाजपा में शामिल होने का रास्ता साफ हो गया था।
पायलट को झटका :
शेखावत के भाजपा में शामिल होने से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट को भी झटका लगा है। मेयर के चुनाव में भाजपा में बगावत करने के पीछे पायलट की ही भूमिका थी। यदि कांग्रेस के दो-तीन पार्षद क्रॉस वोटिंग न हीं करते तो आज कांग्रेस की मदद से ही शेखावत अजमेर के मेयर होते। भाजपा ने 28 सितम्बर को शेखावत को तब भाजपा में शामिल किया जब पायलट अजमेर शहर में साइकिल रैली कर रहे थे।
एस.पी.मित्तल) (28-09-17)
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