Sunday 1 October 2017

चीन की वामपंथी सरकार ने शिनजियांग प्रांत में मुसलमानों पर फिर लगाई पाबंदियां। पाकिस्तान के मुसलमान चीन के इस दोहरे चरित्र को समझें।

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चीन की वामपंथी सरकार ने शिनजियांग प्रांत में मुसलमानों पर फिर लगाई पाबंदियां। पाकिस्तान के मुसलमान चीन के इस दोहरे चरित्र को समझें।
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सब जानते हैं कि चीन का शिनजियांग प्रांत मुस्लिम आबादी वाला है। चीन की वामपंथी सरकार आए दिन इस प्रांत के निवासियों के लिए फरमान जारी करती रहती है। अभी ताजा फरमान में मुसलमानों से कहा गया कि वे अपने घरों में रखी धार्मिक पुस्तकों को सरकार में जमा करा दें। इसमें पवित्र कुरान भी शामिल हैं। इतना ही नहीं मस्जिदों में नमाज के समय काम आने वाली चटाई आदि के उपयोग के बारे में भी निर्देश दिए गए हैं। असल में चीन सरकार अपने कायदे कानून से ही रहने की इजाजत देती है। यदि कोई नागरिक सरकार के आदेश नहीं मानता है तो उसे सजा-ए-मौत दी जाती है। कोई किसी भी धर्म का हो, लेकिन उसे सिर्फ एक संतान पैदा करनी होगी। यह नियम भी सख्ती से लागू होता है। चीन के इस दोहरे चरित्र को पाकिस्तान के मुसलमानों को समझना चाहिए। पाकिस्तान के मुसलमानों को इस बात से खुश नहीं होना चाहिए कि हाफिज सईद जैसे व्यक्तियों को आतंकी घोषित नहीं करने में चीन पाकिस्तान की मदद करता है। भारत ने जब भी संयुक्त राष्ट्र संघ में पाकिस्तान में बैठेे आतंकियों का मुद्दा उठाया तो चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर भारत के प्रयासों पर पानी फेर दिया। असल में चीन ऐसा इसलिए करता है क्योंकि पाकिस्तान के आतंकी सिर्फ भारत में ही गतिविधियां करते हैं। हाफिज सईद, मसूद अजहर जैसे पाकिस्तानी हमारे कश्मीर का मुद्दा तो उठाते हैं, लेकिन चीन के शिनजियांग प्रांत का नहीं। इन पाकिस्तानियों को भी पता है कि शिनजियांग प्रांत के मुसलमानों के प्रति जरा सी भी हमदर्दी दिखाई गई तो जो हाल ओसामा बिन लादेन का हुा, उससे भी बुरा हाल इन पाकिस्तानियों का होगा। जबकि सब जानते हैं कि अनुच्छेद 370 की वजह से कश्मीरियों को विशेष अधिकार मिले हुए हैं। ऐसे विशेषाधिकार तो मुसलमानों को पाकिस्तान में भी नहीं है। यह बात कश्मीरियों को भी समझनी चाहिए। इससे ज्यादा और क्या हो सकता है कि कांग्रेस के शासन में भगाए गए 4 लाख हिन्दुओं को भाजपा के शासन में भी बसाया नहीं जा सका। जबकि जम्मू-कश्मीर में भी महबूबा मुफ्ती की सरकार भाजपा के समर्थन से ही चल रही है। सवाल उठता है कि पाकिस्तान में बैठकर भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने वाले मुस्लिम नेता चीन के खिलाफ आवाज क्यों नहीं उठाते? क्या किसी नागरिक की धार्मिक मान्यताओं पर पाबंदियां लगाई जा सकती हैं? हाफिज सईद, अजहर मसूद जैसे नेताओं को चीन के शिनजियांग प्रांत के मुसलमानों की सुध लेनी चाहिए। 
एस.पी.मित्तल) (01-10-17)
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