Wednesday 21 March 2018

राजस्थान भर में एम्बुलैंस 108 के चक्का जाम पर सरकार मौन क्यों?

राजस्थान भर में एम्बुलैंस 108 के चक्का जाम पर सरकार मौन क्यों? प्रदेश भर के मरीज परेशान।
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21 मार्च को लगातार तीसरा दिन रहा जब 108 नम्बर की एम्बुलैंस का राजस्थान भर में चक्का जाम रहा। एम्बुलैंस पर काम करने वाले संविदा कर्मियों और कंपनी के बीच वेतन को लेकर जो विवाद शुरू हुआ वह थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह माना कि विवाद संविदा कर्मियों और कंपनी के बीच का कहना है, लेकिन लोकतांत्रिक व्यवस्थ में सरकार मूक दर्शक बनी नहीं रह सकती। लगातार तीन दिनों की हड़ताल से प्रदेश भर के मरीज परेशान हो रहे हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को भारी परेशानी हो रही है। हालत इतने खराब हैं कि घर से सरकारी अस्पताल तक पहुंचने में गर्भवती महिलाओं को दुपहिया अथवा किराये की जीप आदि में सफर करना पड़ रहा है। संविधा कर्मियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक हड़ताल जारी रहेगी। इस संबंध में प्रदेश के चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ का बयान बड़ा अजीबो गरीब है। सराफ का कहना है कि इस हड़ताल से सरकार का कोई सरोकार नहीं है। सवाल उठता है कि प्रदेश में 108 एम्बुलैंस की सेवाओं के बदले में सरकार ही तो भुगतान करती है। क्या सरकार के भुगतान किए बगैर 108 एम्बुलैंस चल सकती है? सरकार को चाहिए कि इस मामले में तत्काल दखल दे और संबंधित कंपनी और कर्मचारियों के बीच समझौता करवा कर मरीजों को राहत प्रदान करवावे। गंभीर बात तो यह है कि 108 एम्बुलैंस की हड़ताल के बाद सरकार ने प्रदेश भर में कोई वैल्पिक इंतजाम नहीं किए है। लोगों में सरकार के प्रति पहले से ही नाराजगी है और अब एम्बुलैंस का चक्का जाम होने से नाराजगी और बढ़ रही है।

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