Friday 23 March 2018

तीन लाख से भी ज्यादा जायरीन ने ख्वाजा की चैखट पर नमाज अदा की। 24 मार्च की रात से होगी कुल की रस्म।

तीन लाख से भी ज्यादा जायरीन ने ख्वाजा की चैखट पर नमाज अदा की। 24 मार्च की रात से होगी कुल की रस्म।
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23 मार्च को अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह और दरगाह से जुड़े मार्गों में तीन लाख से भी ज्यादा जायरीन ने जुमे की नमाज अदा की। इन दिनों अजमेर में ख्वाजा साहब का 806वां सालना उर्स चल रहा है। इस छह दिवसीय उर्स में जुमे की नमाज का खास धार्मिक महत्व होता है। इसलिए 23 मार्च को देशभर के जायरीन ने अजमेर में नमाज अदा की। दरगाह परिसर में नमाज अदा करने के लिए सुबह से ही जायरीन बैठ गए थे। दरगाह परिसर भर जाने के बाद जायरीन दरगाह के मुख्य दरवाजे के सामने गंज क्षेत्र तक बैठे, इसी प्रकार नला बाजार से मदार गेट और पीछे डिग्गी चैक तक नमाजियों को बैठना पड़ा। शांतिपूर्ण तरीके से नमाज सम्पन्न हो जाने पर जिला प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है।
कुल की रस्म 24 की रात से:
दरगाह के अंदर धार्मिक रस्मों को अंजाम देने वाले खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के अध्यक्ष मोईन हुसैन, सचिव वाहिद हुसैन अंगाराशाह  तथा अंजुमन यादगार चिश्तियां शेखजादगान के अध्यक्ष अब्दुल जर्रार चिश्ती तथा सचिव डाॅ. अब्दुल माजीद चिश्ती ने बताया कि 24 मार्च की रात से कुल की रस्म शुरू हो जाएगी। कुल की रस्म में जायरीन गुलाब और केवडे़ के जल से दरगाह की दीवारों और सम्पूर्ण परिसर को धोते हैं। इसके साथ छह दिवसीय उर्स भी धार्मिक दृष्टि से सम्पन्न हो जाता है।
कायड़ विश्राम स्थली पर भी नमाजः
दरगाह से कोई आठ किलोमीटर दूर बनाई गई कायड़ विश्राम स्थली पर भी हजारों जायरीन ने जुमे की नमाज अदा की। नमाज के लिए इस विश्राम स्थली पर विशेष इंतजाम किए गए थे। यहां यह उल्लेखनीय है कि विश्राम स्थली पर बड़ी संख्या में जायरीन ठहरे हुए हैं।

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