Monday 12 March 2018

दरगाह कमेटी और दीवान के शौचालयों का मामला अब कोर्ट में। दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश। नगर निगम भी आएगा चपेट में।
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अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा साहब की दरगाह के निकट सोलह खम्बा में बनने वाले शौचालयों का मामला अब कोर्ट में पहुंच गया है। दरगाह के खादिम पीर नफीस मियां चिश्ती ने दरगाह दीवान जैनुल आबेदीन और अन्य संबंधित पक्षों के विरुद्ध अदालत में एक वाद दायर किया। इस पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-प्रथम प्रीति परनामी ने अजमेर के कोतवाली पुलिस स्टेशन को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। चिश्ती ने अपने वकील जफर अहमद खान और अशरफ बुलंद के जरिए प्रस्तुत इस्तगासे में आरोप लगाया कि दीवान आबेदीन ने दरगाह कमेटी और नगर निगम के अधिकारियों से मिली भगत कर सोलह खम्बा की बेशकीमती भूमि पर नक्शा स्वीकृत करवा लिया है। इस नक्शे में भूतल पर दीवान का हाल व कार्यालय तथा प्रथम मंजिल पर शौचालय निर्माण दर्शाया गया है। इस्तगासे में कहा गया कि इस भूमि पर दरगाह दीवान का कोई मालिकाना हक नहीं है। भूमि दरगाह कमेटी की है। ऐसे में भूमि पर सिर्फ शौचालयों का ही निर्माण होना चाहिए। पूर्व में भी भूमि पर जायरीन के लिए शौचालय ही बने हुए थे। पिछले दिनों जर्जर अवस्था के कारण शौचालय भवना को गिर दिया गया। कायदे से दरगाह कमेटी को इस भूमि पर दुबारा से शौचालय बनवाने चाहिए, लेकिन दीवान आबेदीन ने मिली भगत कर भूतल की भूमि अपने उपभोग के लिए ले ली है। दीवान आबेदीन ने नगर निगम में जो शिजरा प्रस्तुत किया है उसमें दीवान के तौर पर सैयद इनायत हुसैन और सैयद सोलत हुसैन के नाम का उल्लेख नहीं है। यह दोनों सैयद आले रसूल अली खां के बाद लम्बे अर्से तक दरगाह के दीवान रहे। इस शिजरे से भी दीवान आबेदी की नियत का पता चलता है। वाद में कहा गया कि इन सब गड़बड़ियों को लेकर कोतवाली पुलिस स्टेशन पर शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की।

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