Thursday 22 March 2018

अजमेर नगर निगम के अधिकारी अपनी निदेशक के आदेश भी नहीं मानते।

अजमेर नगर निगम के अधिकारी अपनी निदेशक के आदेश भी नहीं मानते। 
आवासीय नक्शे पर व्यावसायिक निर्माण, वह भी अवैध।
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अजमेर नगर निगम के अधिकारी यूं तो गली कूचों तक में हो रहे अवैध निर्माणों पर आंख बंद करे बैठे हैं। लेकिन एक मामले में तो निगम के अधिकारी अपने ही विभाग के निदेशक पवन अरोड़ा का आदेश भी नहीं मान रहे हैं। निदेशक अरोड़ा ने श्रीमती राजश्री मंगल की अपील पर गत 6 जून 2017 को निगम के अधिकारियों को आदेश दिए कि श्रीनगर रोड पर रमाकांत शर्मा का जो अवैध निर्माण है उसे विधिवत हटाने की कार्यवाही की जावे। निदेशक ने अपने आदेश में यह भी माना कि निगम ने 168.96 वर्गगज के भूखंड पर रमाकांत को आवासीय निर्माण की इजाजत दी है। इसलिए स्वीकृति के बगैर जो भी निर्माण हो रहा है उसे हटाया जाना चाहिए। श्रीमती राजश्री मंगल को उम्मीद थी कि उसके पड़ौस में बनने वाला व्यावसायिक काॅम्प्लेक्स का अवैध निर्माण अब हट जाएगा। लेकिन पौने दो वर्ष गुजर जाने के बाद भी अवैध निर्माण पहले जैसा ही बना हुआ है। निगम के अधिकारियों ने आज तक भी अपने निदेशक के आदेश की पालना नहीं की। श्रीमती मंगल ने अपनी अपील में बताया कि निगम ने रमाकांत शर्मा को आवासीय निर्माण की अनुमति दी थी, लेकिन मौके पर शर्मा ने व्यावसायिक निर्माण कर लिया और उनके मकान के निकट हवा पानी के लिए जो रिक्त स्थान था, उस पर भी निर्माण कर लिया। श्रीनगर रोड पर आज भी यह निर्माण ज्यों का त्यों बना हुआ है। श्रीमती मंगल ने अवैध निर्माण को हटवाने के लिए भरपूर कोशिश कर ली, लेकिन अब तक भी सफलता नहीं मिली है। पूर्व में निगम के सीईओ गुएटे दल बल के साथ मौके पर पहुंच गए थे, लेकिन यह दल अवैध निर्माण को हटाए बगैर ही लौट आया। इस संबंध में रमाकांत शर्मा का कहना है कि उन्होंने नगर निगम के स्वीकृत नक्शे के अनुरूप ही निर्माण किया है। यदि नक्शे के विपरीत निर्माण होता तो नगर निगम अभी तक हटा देता। उन्होंने कहा कि उनके निर्माण के बारे में निगम के अधिकारियों को पूरी जानकारी है। 

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