Monday 19 March 2018

राहुल गांधी ने कांग्रेस के अधिवेशन में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तालमेल बैठाया।

राहुल गांधी ने कांग्रेस के अधिवेशन में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तालमेल बैठाया। कांग्रेस में राजस्थान के लिए सकारात्मक संदेश।
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दिल्ली में 17 और 18 मार्च को हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान के संदर्भ से पूर्व सीएम अशोक गहलोत और वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच तालमेल बैठाया। अक्सर प्रदेश की राजनीति में यह खबरें आती हैं कि मुख्यमंत्री के पद को लेकर गहलोत और पायलट आमने-सामने है। इन खबरों को गहलोत के बयानों से ओर हवा मिलती है। लेकिन राहुल गांधी ने दो दिन के अधिवेशन में साफ कर दिया कि कांग्रेस को गहलोत और पायलट दोनों की जरुरत है। अधिवेशन में गहलोत को प्रथम पंक्ति में सोनिया गांधी, डाॅ. मनमोहन सिंह आदि के साथ बैठाया गया और वहीं राहुल ने अपने संबोधन में कहा कि सचिन पायलट जैसे युवा नेता के लिए अब मंच खाली है। राहुल ने गहलोत को सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के साथ बैठाकर साफ संकेत दे दिए हैं कि अब उनकी जरुरत राष्ट्रीय राजनीति में है। इसके साथ ही पायलट को पूरी तरह राजस्थान की कमान सौंपने के भी संकेत दिए। कांग्रेस के जिन नेताओं ने अधिवेशन में भाग लिया, उनका भी मानना है कि अब अगामी विधानसभा चुनाव में राजस्थान में पायलट की ही महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यानि उम्मीदवारों के चयन में पायलट की राय को प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसा नहीं कि गहलोत का महत्व कम किया जा रहा है। जब गहलोत कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे तो उनका महत्व तो देशभर में बना रहेगा। हाल ही के गुजरात चुनाव में गहलोत और राहुल गांधी की नाजदीकियां बहुत बढ़ी हैं। लेकिन वहीं अजमेर और अलवर के लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस की जीत से पायलट का ग्राफ भी बढ़ा है। राहुल गांधी के लिए दोनों का महत्व है। कांग्रेस आलाकमान का मानना है कि यदि प्रदेश के सभी नेता एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे तो आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत निश्चित है।

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