Wednesday 14 March 2018

यूपी के उपचुनावों में भाजपा की हार से राजस्थान में वसुंधरा राजे की हार का असर कम होगा।

यूपी के उपचुनावों में भाजपा की हार से राजस्थान में वसुंधरा राजे की हार का असर कम होगा।
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14 मार्च को यूपी के दो लोकसभा के उपचुनाव के नतीजे आ गए। दोनों स्थानों पर भाजपा की हार हो गई। भाजपा की इस हार से राजस्थान में सीएम वसुंधरा राजे को उपचुनाव में मिली हार का असर कम हो जाएगा। राजस्थान में भी अजमेर और अलवर लोकसभा के उपचुनावों में भाजपा की हार के बाद से ही सीएम राजे पर राजनीतिक हमले हो रहे थे। इन हमलों का महत्व इसलिए भी था कि राजस्थान में इसी वर्ष नवम्बर में विधानसभा के चुनाव होने है। हार की पूरी जिम्मेदारी सीएम राजे पर डाली जा रही थी, लेकिन अब सीएम के समर्थक कह सकते हैं कि माहौल राजस्थान में ही नहीं बल्कि यूपी में भी खराब है। यूपी में तो भाजपा को सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के निर्वाचन क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ा है, जबकि  राजस्थान में तो दोनों सीटे सामान्य थीं। यूपी की हार से सीएम वसुंधरा राजे को भी राजनीतिक हिम्मत आ जाएगी। जो विरोधी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी का चेहरा बदलने का सुझाव दे रहे थे उन्हें भी अब मायूस होना पड़ेगा। वसुंधराज राजे राजनीतिक की माहिर खिलाड़ी हैं। यूपी की हार को सामने रख राजस्थान की बात करेंगी। जब योगी आदित्यनाथ की सीट पर हार मिल सकती है तो राजस्थान की दो सीटों पर हार क्या मायने रखती है। यदि यूपी के उपचुनावों में भाजपा की जीत हो जाती तो फिर वसुंधरा राजे की भी मुश्किलें बढ़ सकती थीं। राजनीतिक मुसीबतों से निजात पाने के लिए 13 मार्च को सीएम राजे ने तिरुपति मंदिर में तड़के तीन बजे पूजा पाठ की है। सीएम के साथ उनके सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह भी थे।

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