Monday 19 March 2018

राजस्थान के टोंक में उपद्रव के लिए कौन जिम्मेदार? वाहन रैली में सांसद, विधायक आदि साथ थे।

राजस्थान के टोंक में उपद्रव के लिए कौन जिम्मेदार?
वाहन रैली में सांसद, विधायक आदि साथ थे। नहीं निकला चेटीचंड का जुलूस। आखिर किधर जा रहे हैं हालात। 
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18 मार्च की रात को राजस्थान के टोंक शहर में उपद्रव के जो हालात हुए उसका असर 19 मार्च को भी दिनभर रहा। टोंक में दहशत का माहौल है। 18 मार्च को नवसंवत्सर के अवसर पर उत्साहित युवक जब वाहन रैली निकाल रहे थे कि तभी बड़ा कुआ क्षेत्र में असामाजिक तत्वों ने पथराव कर दिया। थोड़ी ही देर में दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए। हालात इतने बिगड़े कि देखते ही देखते तीन मोटर साइकिलों में आग लगा दी, 12 कारों को क्षतिग्रस्त कर दिया और दो दर्जन मोटर साइकिल भी कंडम हो गई। इस वाहन रैली में टोंक के भाजपा सांसद सुखवीर जौनपुरिया, विधायक राजेन्द्र गुर्जर, अजीत सिंह मेहता  और शहर जिला अध्यक्ष गणेश माहुर आदि साथ चल रहे थे। हालांकि पुलिस का भी माकूल इंतजाम था, लेकिन इसके बाद भी जो उपद्रव हुआ उसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अवनीश शर्मा जख्मी हो गए। उपद्रव के बाद कोई एक दर्जन लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। इनमें तीन पुलिस कर्मी भी शामिल है। उपद्रव की गंभीरता का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि जानकारी मिलते ही रेंज की आईजी श्रीमती मालिनी अग्रवाल मौके पर पहुंच गई। अफवाह न फैले इसके लिए टोंक में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। धारा 144 लगाकर हालात को नियंत्रण में किया जा रहा है। इतने बड़े उपद्रव के बाद भी अब भी किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि उपद्रवियों की गिरफ्तारी से पहले टोंक में शांति व्यवस्था कायम करना है। हालांकि पुलिस ने कई मुकदमे दर्ज कर लिए हैं, लेकिन फिलहाल गिरफ्तारी से बचा जा रहा है। दोनों ही पक्ष एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। टोंक में छोटी सी घटना पर जो बड़ा उपद्रव हुआ उससे यह सवाल उठता है कि आखिर हालात किधर जा रहे हैं। असल में ऐसी घटनाएं आए दिन देशभर में हो रही हैं। कहने को तो दोनों समुदायों की शांति समिति सक्रिय रहती है, लेकिन ऐसे उपद्रवों के मौके पर शांति समिति प्रभावहीन हो जाती है। दोनों ही पक्षों में ऐसे लोग हावी हो जाते है जिन पर किसी का भी नियंत्रण नहीं रहता है।
नहीं निकला चेटीचंड का जुलूसः
19 मार्च को टोंक में धारा 144 लागू होने की वजह से सिंधी समुदाय का चेटीचंड का जुलूस भी नहीं निकला। इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अवनीश शर्मा का कहना रहा कि धारा 144 के नियमों के अंतर्गत एक स्थान पर पांच व्यक्तियों से ज्यादा लोग एकत्रित नहीं हो सकते इसलिए चेटीचंड का जुलूस भी नहीं निकल पाया है। उन्होंने कहा कि पुलिस की पहली प्राथमिकता हालात नियंत्रण करने में है और फिलहाल हालात नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि वाहन रैली और उसके बाद हुए उपद्रव के वीडियो फुटेज देखे जा रहे है और इसी आधार पर उपद्रवियों की गिरफ्तारी भी होगी। उन्होंने कहा कि किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा। 

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