Thursday 22 March 2018

मां को लहूलुहान करने वाले बेटे की हमदर्द बनी हुई है अजमेर के दरगाह थाने की पुलिस।

मां को लहूलुहान करने वाले बेटे की हमदर्द बनी हुई है अजमेर के दरगाह थाने की पुलिस। बेहरम बेटा आजाद और मां अस्पताल में करा रही है अपना इलाज।
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इसे सभ्य समाज के लिए बुरा ही कहा जाएगा कि सम्पत्ति के लिए एक बेरहम बेटे ने जन्म देने वाली मां का सिर फोड़ दिया और लोहे के हथियार से नाक और मुंह भी तोड़ दिया। यह मामला अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह के एक खादिम परिवार से जुड़ा हुआ है। 20 मार्च को दरगाह के निकट ही खादिम मोहल्ले में कमाल मंजिल में रहने वाले खादिम अफराजुद्दीन चिश्ती ने सम्पत्ति को लेकर अपनी मां इरफाना बीबी से झगड़ा किया। मां ने जब बेटे की हरकतों का विरोध किया तो अफराजुद्दीन ने लोहे के हथियार से पहले मां का सिर फोड़ दिया और दूसरे वार से नाक और मुंह भी जख्मी कर दिया। जब छोटा भाई बचाने आया तो अफराजुद्दीन ने उसे भी बुरी तरह मारा। लहूलुहान हालत में इरफाना बीबी दरगाह पुलिस थाने पर पहुंची और अपने कलयुगी बेरहम बेटे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई। कायदे से पुलिस को आरोपी बेटे को तत्काल गिरफ्तार कर लेना चाहिए था। लेकिन पुलिस ने आज 22 मार्च तक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया। इसे शर्मनाक ही कहा जाएगा कि मां पर जानलेवा हमला करने वाला बेटा अफराजुद्दीन चिश्ती खुलेआम आजाद घूम रहा है। और मां इरफाना बीबी अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में भर्ती होकर अपने सिर का इलाज करवा रही है। समझ में नहीं आता कि दरगाह थाने की पुलिस एक बेरहम बेटे की हमदर्द क्यों बनी हुई है? क्या पुलिस के इस कृत्य से उन बेटों की हौंसला अफजाई नहीं होगी, जो जायदाद को लेकर मां बाप से झगड़ रहे हैं। सरकार ने माता-पिता खासकर महिलाओं को संरक्षण देने के लिए कानून बना रखे हैं, लेकिन पुलिस ने इन कानूनों को भी ठेंगा दिखा रखा है। पीड़िता इरफाना बीबी का छोटा बेटा और बेटी अपनी मां को न्याय दिलवाने के लिए पुलिस अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।

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