Friday 23 March 2018

एक्ट में संशोधन कर लोकायुक्त जस्टिस कोठारी का कार्यकाल तीन वर्ष के लिए बढ़ाया।

एक्ट में संशोधन कर लोकायुक्त जस्टिस कोठारी का कार्यकाल तीन वर्ष के लिए बढ़ाया। राजस्थान में ऐसा पहली बार हुआ।
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राजस्थान के लोकायुक्त कार्यालय की भूमिका से सरकारी दफ्तरों में कितना भ्रष्टाचार कम हुआ या कितने भ्रष्ट कार्मिकों पर कार्यवाही हुई, यह छानबीन का विषय हो सकता है, लेकिन 23 मार्च को वसुंधरा राजे ने लोकायुक्त एक्ट में संशोधन कर जस्टिस एसएस कोठारी का कार्यकाल तीन वर्ष के लिए बढ़ा दिया है। पांच वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर जस्टिस कोठारी 25 मार्च को लोकायुक्त के पद से सेवानिवृत्त हो रहे थे, लेकिन दो दिन पहले ही सरकार ने कार्यकाल में वृद्धि कर दी। राजस्थान में यह पहला अवसर है जब किसी लोकायुक्त ने पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया और फिर उसे तीन वर्ष का अवसर फिर मिल गया। वसुंधरा सरकार का मानना रहा कि जस्टिस कोठारी ने लोकायुक्त के पद पर रहते हुए प्रदेश में भ्रष्टाचार मिटाने में प्रभावी भूमिका निभाई है और लोकायुक्त कार्यालय की वजह से पीड़ित लोगों को राहत मिली है। सरकार ने जस्टिस कोठारी की कार्यकुशलता को ध्यान में रखते हुए ही कार्यकाल बढ़ा दिया।
झूठी शिकायतों से डरे नहीं अफसरः
तीन वर्ष का कार्यकाल बढ़ाए जाने पर जस्टिस कोठारी ने कहा कि उन्होंने लोकायुक्त का काम बेहद ईमानदारी और प्रभावी तरीके से किया है। उन्हें जो भी शिकायत मिली उस पर कार्यवाही हुई है। जस्टिस कोठारी ने माना कि कई बार निहित स्वार्थों की खातिर अधिकारियों की झूठी शिकायतें की जाती हैं, ऐसी शिकायतों से अधिकारियों को घबराने की जरुरत नहीं है। मैं झूठी शिकायतों का निस्तारण बहुत जल्द करता हंू। शिकायतों के लिए स्वयं सेवी संगठनों को भी आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान का कोई भी नागरिक बिना डरे लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज करवा सकता है। सरकार के सचिवालय परिसर स्थित लोकायुक्त कार्यालय में प्राथमिकता के साथ प्रवेश दिलवाया जाता है। इसके लिए सचिवालय के स्वागत कक्ष में भी दिशा-निर्देश अंकित कर रखे हैं। वे स्वयं भी जिला स्तर पर जन सुनवाई करते हैं।

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