Sunday 18 March 2018

तो जायरीन अपनी जोखिम पर नहा रहे हैं आनासागर में। उर्स की वजह से नहाने वालों की जबर्दस्त भीड़।

तो जायरीन अपनी जोखिम पर नहा रहे हैं आनासागर में।
उर्स की वजह से नहाने वालों की जबर्दस्त भीड़।
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अजमेर के ऐतिहासिक आनासागर के किनारे रामप्रसाद घाट पर नहाते समय कोई जायरीन डूब मरे या कोई अन्य अप्रिय घटना हो तो जिला प्रशासन नगर निगम आदि कोई भी सरकारी महकमा जिम्मेदार नहीं होगा। चूंकि इन दिनों अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स की वजह से देशभर से जायरीन आए हुए हैं। इसलिए आनासागर में नहाने वालों की जबर्दस्त भीड़ है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत आनासागर का भी सौंदर्यीकरण हो रहा हैए इसलिए रामप्रसाद घाट के वजूद को समाप्त कर पाथ.वे बना दिया गया है। इस  पाथवे के बाद आनासागर के अंदर ही कंटीले तारों की बाड़ भी लगाई गई हैए ताकि कोई भी जायरीन नहाने के लिए अंदर न जाएए लेकिन इसके बाद भी हजारों जायरीन रामप्रसाद घाट वाले किनारे पर ही नहा रहे है। गंभीर बात यह है कि इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। जायरीन को आनासागर में नहाने से रोकने वाला कोई नहीं है। यहां तक की सुरक्षा के नाम पर पुलिस वाले भी फिलहाल नजर नहीं आ रहे हैं। नगर निगम और प्रशासन को भी पता है कि आनासागर में नहाना जोखिम भरा हैए इसलिए रामप्रसाद घाट की ओर चेतावनी वाले साईन बोर्ड लगा दिए हैं। चेतावनी के बाद साफ लिखा है कि जायरीन अपनी जान जोखिम पर ही नहाएंगे। इस चेतावनी का जायरीन पर कोई आसर नहीं हो रहा है। चेतावनी को अनदेखा कर हजारों जायरीन अपनी जोखिम पर नहा रहे हैं।
जायरीन की धार्मिक आस्थाः
असल में आनासागर में नहाना जायरीन की धार्मिक आस्थाओं से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि सूफी संत ख्वाजा साहब ने अपने जीवनकाल में रामप्रसाद घाट पर ही आनासागर में वजू आदि की रस्में की थीं। यही वजह है कि ख्वाजा साहब के उर्स में दरगाह में जियारत के लिए आने वाले जायरीन आग सागर में नहाते भी हैं। इन दिनों इस घाट पर जायरीन की जबर्दस्त भीड़ लगी हुई है। सवाल उठता है कि कोई अप्रिय घटना होगी तो कौन जिम्मेदार होगाघ् क्या चेतावनी का बोर्ड लगा कर जिला प्रशासन और नगर निगम अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैंघ्
दलदल और कीचड़ है किनारे परः
आनासागर के जिस किनारे पर जायरीन नहा रहे हैंए वहां दलदल और कीचड़ है। पिछले दिनों पाथ.वे के निर्माण के लिए ही मिट्टी निकाल कर आनासागर में डाल दी गईए इसलिए पाथ.वे  के बाद किनारे पर दलदल और कीचड़ जमा है। आज भी शहर के अनेक नालों का गंदा पानी आनासागर में गिरता है।

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