Sunday 3 April 2016

सम्मेलन में जाट नेताओं ने दिखाई एकता, पर छाया रहा वसुंधरा का डर। कर्नल ने की तारीफ तो बेनीवाल ने कोसा। अजमेर कलेक्टर ने भी उपस्थित दर्ज करवाई।


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3 अप्रैल को अजमेर के जवाहर रंगमंच  पर राजस्थान आदर्श जाट महासभा और उससे जुड़े संगठनों का एक सम्मलेन हुआ। सम्मेलन में एकता दिखाने के लिए जाट नेताओं ने उपस्थिति तो दर्ज करवाई, लेकिन सम्मेलन में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का डर छाया रहा। एकता दिखाने के लिए नेताओं ने उपस्थिति तो दर्ज करवाई, लेकिन दो भागों में। पहले भाग में नेताओं ने वसुंधरा राजे के गुणगान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी तो दूसरे भाग में आलोचना करने की सीमाएं तोड़ दी। पहले भाग में केन्द्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री सांवरलाल जाट, भाजपा सांसद कर्नल सोनाराम, जिला कलेक्टर डॉ. आरुषि मलिक, अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्दर चौधरी आदि ने वसुंधरा सरकार की शान में कसीदे पढ़े। सांवरलाल जाट ने जहां सरकारी योजनाओं का बखान किया, वहीं कर्नल सोनाराम ने कहा कि कुछ लोग वसुंधरा राजे सरकार की छवि खराब कर रहे हैं। ऐसे लोगों को वक्त आने पर सबक सिखाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में वसुंधरा राजे और देश में नरेन्द्र मोदी की ऐसी जोड़ी बनी है, जो कांग्रेस को कई वर्षों तक सत्ता में नहीं आने देगी। कर्नल सोनाराम ने अपने अंदाज में कहा कि यदि  लोकसभा चुनाव में जाट समाज ने एकता नहीं दिखाई होती तो मैं आज सांसद नहीं होता। सम्मलेन में जिला कलेक्टर आरुषि मलिक ने सामाजिक कुरीतियों को मिटाने की बात कही। उन्होंने ने कहा कि आज भी समाज में बाल विवाह जैसी बुुराईयां व्याप्त हैं। हमारे युवाओं को नशे की प्रवृत्ति से दूर रहनाचाहिए। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा उठाना चाहिए। जाट समाज का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन अजमेर में करने पर कलेक्टर ने नेताओं का आभार जताया। 
सम्मेलन में उस समय खलबली मच गई जब मंच से घोषणा की गई की जाट समाज के लोक प्रिय नेता और निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल आ रहे हैं। इस घोषणा के तुरंत बाद सांवरलाल जाट, कर्नल सोनाराम आदि नेता सम्मेलन से रवाना हो गए। हालांकि विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी ने जाट और सोनाराम से बैंठे रहने का आग्रह किया, लेकिन भाजपा के नेता यह नहीं चाहते थे कि हनुमान बेनीवाल के साथ मंच पर बैठे। अजमेर की पूर्व जिला प्रमुख श्रीमती सरिता गेना तो भागने के अंदाज में सम्मेलन छोड़ कर चली गई। जवाहर रंगमंच के सभागार में जब बेनीवाल ने प्रवेश किया तो पूरा सभागार बेनीवाल जिंदाबाद के नारे से गूंज गया। उपस्थित समाज के लोग बेनीवाल का भाषणा सुनने के लिए उत्सुक दिखे। लेकिन दूसरे भाग में शुरुआती डूडी ने की। डूडी ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार किसान विरोधी है। यही वजह है कि आए दिन किसान आत्महत्या कर रहा है। सरकार ने हाल ही में जो गिरदावरी करवाई है, उसमें भी किसानों की समस्याएं बढ़ी हंै। वहीं हनुमान बेनीवाल ने वसुंधरा सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि राजस्थान में लोकतांत्रिक सरकार नहीं बल्कि सामंतशाही की सरकार चल रही है। मेरे जैसे विधायक को विधानसभा में बोलने ही नहीं दिया जाता। यह सरकार निरंकुश और घमंडी है। आने वाले विधानसभा चुनाव में राजस्थान की जनता और जाट समुदाय वसुंधरा राजे को ऐसा सबक सिखाएगा कि उन्हें फिर से लंदन भागना पड़ेगा। बेनीवाल ने कहा कि वसुंधरा राजे राजस्थान में तभी रहती हंै, जब मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली हो। गत विधानसभा चुनाव से पहले भी वसुंधरा राजे अपना अधिकांश समय लंदन में व्यतीत कर रही थीं। उन्होंने  कहा कि यह सरकार घोटालेबाजों की सरकार है। जिसमें भ्रष्टाचारियों की सुनी जाती है। बेनीवाल ने जाट समुदाय को वसुंधरा राजे की चालाकियों से सबक लेने को कहा। बेनीवाल जब भाजपा सरकार की आलोचन कर रहे थे, तब भी सभागार में बार-बार तालियां बज रही थी। उन्होंने कहा कि तीन वर्ष राजस्थान में जाट समुदाय का ही मुख्यमंत्री होगा। सम्मेलन के मिजाज से लगा कि भाजपा नेता तो मजबूरी में आएं। सम्मेलन में एक तरह से बेनीवाल के समर्थकों का भी कब्जा नजर आया। सम्मेलन में जाट समाज के प्रतिभावान छात्रों को सम्मानित भी किया गया। 

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(एस.पी. मित्तल)  (03-04-2016)
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